Not known Details About Shodashi

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The working day is observed with excellent reverence, as followers go to temples, present prayers, and take part in communal worship events like darshans and jagratas.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥

देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥

Charitable acts for instance donating food items and dresses on the needy are also integral for the worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate facet of the divine.

Shodashi’s Power fosters empathy and kindness, reminding devotees to technique Some others with comprehension and compassion. This profit promotes harmonious relationships, supporting a loving method of interactions and fostering unity in relatives, friendships, and community.

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।

कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं

The noose signifies attachment, the goad signifies repulsion, the sugarcane bow represents the intellect and the arrows would be the 5 sense objects.

हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।

The worship of Goddess Lalita is intricately related Using the pursuit of both of those worldly pleasures and spiritual emancipation.

In essence, Goddess Shodashi signifies the divine more info possible inside of just about every unique, guiding them over a path of internal beauty, knowledge, and spiritual fulfillment. Her presence within the life of devotees inspires them to hunt harmony, follow compassion, and technique everyday living with gratitude and humility.

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